Amit panghal success story in hindi for student / प्रेरणादायक सफलता की कहानी
इस success story को लिखने का लक्ष्य सिर्फ आपको मोटिवेट करना है। तो चलिए आपको सुनाते हैं एक best success story जो शायद आपको थोड़ी पसंद आये। और जिसे सुनकर शायद आपके इरादों में और अधिक मजबूती आए।
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success story |
आज की इस success story में उस व्यक्ति की बात होने वाली है। जिन्होंने अपने हालातों को मात दी और अपने सपने को साकार करने के लिए चल दिए उस रास्ते की ओर जहां पर सिर्फ वह अकेला है और उसे उस अंधकारमय या उस सुनसान रास्ते को पार करना है। अर्थात मेरे कहने का तात्पर्य है कि अपना वह सपना जिसे पूरा कर पाना इतना आसान नहीं पर फिर भी उसके लिए अपनी पूरी जी जान लगा देने वाले उस एशियन बॉक्सिंग चैंपियन की बात होगी जो शायद अपनी स्टोरी से आप को मोटिवेट कर सके या आप शायद उनकी स्टोरी से मोटिवेट हो सके और बता सके कि हालात चाहे जो भी हो उन्हें लड़े बिना पीछे मुड़ ना खुद के जीवन की वह हार है जिसे फिर ठीक नहीं किया जा सकता। हालातों से लड़ कर आगे बढ़ना ही सक्सेस पाने का सही रास्ता है
Amit panghal best success story in Hindi
आज की इस मोटिवेशनल success story में बात होने वाली है विश्व के नंबर वन बॉक्सर अमित पंघाल जिन्होंने वर्ष 2019 में एशियन गेम्स के वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर भारत के पहले सिल्वर मेडल जीतने वाले पुरुष बॉक्सर बने।![]() |
success story in hindi |
ये हरियाणा के रोहतक में एक छोटे से गांव मायना के रहने वाले है। ये एक किसान परिवार के लड़के है जिन्हे खेलने कूदने की उम्र से ही बॉक्सिंग का शौक था।और जिसे अपने परिवार के खराब आर्थिक हालातों ने तोड़ने का पूरा प्रयास किया और हर किसान परिवार की तरह इस किसान परिवार का भी खेती ही भरण पोषण का साधन थी।
इनका परिवार भी सिर्फ खेती-बाड़ी के सहारे अपना परिवार को चलते थे। इन खराब हालातों को देख अमित पंगल के भाई अजय जिन्हें भी बॉक्सिंग का शौक था और वह भी बॉक्सिंग सीखने के लिए कोचिंग ले रहे थे उन्हें उस कोचिंग को छोड़ना पड़ा और अपने उस बॉक्सिंग के सपने को छोड़कर आर्मी की नौकरी ज्वाइन करनी पड़ी ताकि वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को थोड़ा ठीक कर सके है।
परन्तु अजय जो अमित पंगल के भाई थे उनका यह मानना था कि अमित मेरी तरह बॉक्सिंग के सपने को ना थोड़े और वह चाहते थे की वह इसे सीखे। अमित पंगल का अपने जीवन में बॉक्सिंग को सीखना इतना आसान नहीं था उनके भाई ने बताया कि उनके साथ ऐसा हुआ कि लगभग 6 माह तक उनके पास बॉक्सिंग ग्लव्स नहीं थे। और जो पहले ग्लव्स थे वह पूरी तरह खराब हो चुके थे। उनकी आर्थिक स्थिति भी इतनी सही नहीं थी कि वह नए गलव्स ला पाए।
परन्तु इस चीज का अमित पर कोई ज्यादा असर नहीं हुआ उनके अंदर की जो बॉक्सिंग इच्छा थी। उसके आगे ग्लव्स का कोई मोल नहीं था वे उस समय बिना ग्लव्स बॉक्सिंग की प्रैक्टिस किया करते थे और एक बॉक्सर के लिए सिर्फ जरूरी नहीं होते एक अच्छी डाइट का भी उन्हें ध्यान रखना पड़ता है। परंतु खराब आर्थिक हालात को चलते वे अपनी डाइट प् ध्यान नहीं दे पाते थे। लेकिन फिर भी बॉक्सिंग का जुनून कम नहीं हुआ। उन्होंने फिर भी अपनी छोटी सी उम्र में अपने से बड़े बड़ों को मात दी और कभी कभी खाली पेट भी उन्होंने बॉक्सिंग की और जीत हासिल की।
2017 में की कैरियर की शुरुआत (success story in hindi for students)
अमित पंघाल ने अपने कैरियर की शुरुआत 2017 के नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप से कि उन्होंने इस चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने बहुत से मेडल जीते। और जिसमें से एक हे जो 2019 में उनके दुवरा जीता गया था 2019 में उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर सिल्वर मेडल जीता। जिस पदक ने उन्हें पहला भारतीय सिलवर मेडल प्राप्त करने वाला पुरुष बनाया।
टोक्यो ओलंपिक
अब बॉक्सिंग चैंपियन अमित पंघाल 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक को अपना अगला लक्ष्य बनाकर उसमें अपनी एक जगह बनाने की सोच रहे हैं। और इस प्रकार लक्ष्य का चयन कर आगे बढ़ना एक सक्सेसफुल व्यक्ति की निशानी होती है। इस बारे में उनके पिता का कहना है कि जो उन्होंने यह सब किया है वह सब ओलंपिक मेडल के लिए किया है और उस मेडल को पाना ही उनका एक लक्ष्य है।लक्ष्य चाहे जो भी हो उनको पाते वही हैं जिनके हौसले बुलंद हो और जो यह जानते हो कि मेहनत ही है जो उन्हें यह सब लाकर दे सकती है
खुद में बदलाव ही है सक्सेस पाने का रास्ता (success story in hindi)
खुद में बदलाव ही है success पाने का रास्ता और यह बात अमित पंगल ने साबित कर दी। उनके कोच ने बताया कि जब वह अमित को कोचिंग देते मतलब बॉक्सिंग सिखाते थे। तब अमित ट्रेनिंग या कोचिंग के लिए नहीं आया करते थे और उनकी इसी बात के कारण उनके कोच उनसे नाराज रहते थे। परंतु कोच ने बताया कि अब वह ऐसा बिल्कुल नहीं करते है। अब वह कोचिंग से सबसे अंत में बाहर निकलते हैं और उन्होंने ने बतया की अमित छुट्टी के दिन भी उन्हें कोचिंग के लिए बुलाते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि खुद को बदलना मैं या खुद में बदलाव ही है जो आप को और हमें अपने जीवन में success दिला सकता है।
हार से डरना नहीं लड़ना जरूरी है (motivational kahani in hindi)
2017 में जब अमित और उज्बेकिस्तान के हसन बॉय के बीच जब बॉक्सिंग का मुकाबला हुआ। उस समय अमित पंघाल को हार का सामना करना पड़ा परंतु उन्होंने इस हार से हारे नहीं मानी। उन्होंने फिर से प्रयास किया और दिखा दिया कि हार को हराया जा सकता है और उन्होंने 2019 चैंपियनशिप जीतकर यह साबित कर दिखाया। परन्तु यह बात सिर्फ उन पर ही लागू नहीं होती यह बात हमारे ऊपर भी लागू होती है इसलिए हार मिलने पर निराश होना गलत होगा बल्कि उसके लिए सही यह होगा कि अपनी उस गलती को सुधार जाए जिस गलती ने हमें इस हार का मुंह दिखाया है।
last line for success story of Amit panghal
success story of Amit panghal की अंतिम पंक्तियों में आपको मैं सिर्फ यह कहूंगा कि "क्यों हम खुद को बदल नहीं सकते ? "क्यों हर बार उस बात को नकार देते हैं? जो हमें सक्सेस दिला सकती है। और इस क्यों ? के बारे में मेरा जवाब सिर्फ एक है और वह है "आप" आप सब कुछ करने की क्षमता रखते हैं। आप वह लक्ष्य भी प्राप्त कर सकते हैं जिसको प्राप्त करना आपका सपना है। बस चाहिए क्या थोड़ा प्रयास,थोड़ी मेहनत और इन में इतनी ताकत है की ये आपको अपना सपना पूरा करवा सकती है। अगर यह success story पसंद आई तो अपना कमेंट करें । और हमें फेसबुक इंस्टाग्राम टि्वटर पर FOLLOW करे
धन्यवाद
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